soul's journey in world cycle
History of human evolution in world cycle
( soul's journey in world cycle)
जब आत्मा शुरू शुरू में सृष्टि पर आई थी, तो सतोप्रधान देवता(divine being) थी जिनकी आज तक मंदिरों (temples,)में पूजा होती है।
जब वे सृष्टि पर practical में थे तब सृष्टि पर स्वर्ग था,सतयुग था।
देवताएं सुखदायी(blissful )होते है,वे मीठे( sweet)होते हैं।
उनमें दैवी गुण(divine virtues )होते है
जैसे धैर्यता,नम्रता(humble), मधुरता,सहनशील, स्नेही(loving,),हर्षित मुख(cheerfulness),उदारचित्त(big hearted) क्षमाशील, दूरदर्शी(farsighted), खुशनुमा।
Qualities of Divine beings (देवताएं)
वे देने वाले होते हैं।(Givers rather than takers)
वे एकमत होते हैं।(United)
वे सर्व गुण सम्पन्न
16 कला सम्पूर्ण
संपूर्ण निर्विकारी होते हैं।
डबल ताजधारी (पवित्रता का,light का)
और रत्न जड़ित ताजधारी
होते हैं।
वे विश्व के मालिक होते हैं।
सारी सृष्टि पर राज करते हैं।
उनकी आत्मा और शरीर दोनों ही पवित्र होते हैं।
वे परमपूज्य होते हैं।
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